महंगाई ने बिगाड़ा बैंड बाजा बारात का बजट – Inflation spoiled the budget of Band Baaja Baaraat
देश में शादियों का सीजन शुरू हो गया है जो 9 जुलाई तक चलेगा राहत मिलने से इस बार बड़ी संख्या में शादियों होने की उम्मीद है सीआईआई का अनुमान है कि इस वेडिंग सीजन देश भर में 40 Lakh शादियां हो सकती हैं जिन से 5 Lakh करोड रुपए का कारोबार होने की संभावना है दूल्हा दुल्हन दोनों पक्ष पर महंगाई की मार पड़ने वाली है आसमान छूती महंगाई (Inflation) से विवाह पर होने वाले खर्च में औसतन 30 पर्सेंट की भारी बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
मैरिज हॉल, कैटरिंग, डेकोरेशन ट्रांसपोर्टेशन फूल जेवेलरी, खाना कपड़े आदि महंगा होने से शादियों में जेब ढीली होगी।
मैरिज कंपनी के मुताबिक शादी के डेकोरेशन पिछले साल अगर शादी की डेकोरेशन में ₹100000 खर्च आया तो इस साल हो 1.5 हो जाएगा क्योंकि फूल की कीमतें और लेबर चार्ज बड़ा है पेट्रोल डीजल की महंगाई ने ट्रांसफर लागत बढ़ा दी है।
महंगाई का दिख रहा है असर
महंगाई की मार ने कारोबार पहले जैसा होने की उम्मीद पर फेरा है पानी।
महंगाई से बचने के लिए कम मेहमानों के साथ बुक हो रहे हैं मैरिज हाल।
छूट भी कम हुई सजावट खानपान पर खर्च में कमी।
महंगाई की मार इस बार कैटरिंग से लेकर बैंड बाजा पर देखने को मिल रही है पिछले साल ₹500 प्लेट मिलने वाला खाना इस बार ₹800 तक पहुंच गया है इस बैंड पार्टी की बुकिंग 25000 पर हो या तिथि पर 40000 पर आने को तैयार नहीं है बाजे के साथ डेकोरेशन मिठाइयां सब्जियों और अनाज महंगा होने से शादी का खर्च बढ़ गया है लोगों को अधिक जेब ढीली करनी होगी।
ज्वेलरी कपड़े की भी बढ़ी कीमतें शादियों का बजट बढ़ाने में ज्वेलरी कपड़े जूते चप्पल दूल्हा दुल्हन के शादी के जोड़े अहम भूमिका निभा रहे हैं सोना महंगा होने से जेवेलरी खरीदने का बहुत बड़ा है वही वेडिंग ड्रेस पिछले साल के मुकाबले 30 पर्सेंट तक महंगा हो गया है हीरे के आभूषण भी महंगे हो गए हैं।
बढ़ती कीमतों से परेशान, लाखों परिवारों ने रोजमर्रा की वस्तुओं पर खर्च में कटौती की है – टूथपेस्ट से लेकर साबुन तक – यहां तक कि भारत की कुछ सबसे बड़ी FMCG -वस्तु कंपनियां गिरती मांग और धीमी बिक्री, और एक तरफ बढ़ते हुए अपने मार्जिन को कम कर रही हैं। दूसरी तरफ कच्चे माल की कीमतें। कंपनियों ने पैकेज्ड नूडल्स से लेकर डिटर्जेंट तक लगभग हर चीज की कीमतें बढ़ा दी हैं, जिसका मुख्य कारण इन्फ्लेशन है, जो कच्चे माल की उच्च कीमतों को संदर्भित करता है।